जीएसटी की दर कम करने के साथ व्यापारी पेंशन शुरू करने की जरूरत थी |
वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट पर व्यापारी वर्ग की नजर सुबह से ही रही। व्यापारियों का मानना है कि बजट में कुछ रियायत मिली है, लेकिन सब कुछ उम्मीद के अनुरूप नहीं है। जीएसटी की दर कम करने के साथ व्यापारी पेंशन शुरू करने की जरूरत थी।
बजट में कच्चे माल पर रियायत मिलने से कपड़ा सस्ता होगा यह अच्छी बात है, लेकिन इससे कपड़ा व्यापारियों को कोई राहत या लाभ होने वाला नहीं है। जीएसटी या इनकम टैक्स छूट बढ़ाई जानी चाहिए थी। संजीव जैन, कपड़ा कारोबारी
दो साल से कोरोना कारण तमाम व्यापार प्रभावित हुआ है। व्यापारियों को राहत देने के लिए बजट में यदि ब्याज मुक्त ऋण देने जैसी घोषणा होती तो वास्तव में व्यापारियों का हित हो सकता था। कारोबार बढ़ाने के लिए छोटे व्यापारियों के लिए कुछ घोषणाएं होती तो बेहतर रहता। व्यापारी पेंशन भी शुरू नहीं की
मनमोहन राठी, व्यापारी
- सरकार ने घरेलू उत्पाद को बढ़ावा देने तथा निर्यात को गति देने के लिए कुछ अच्छे कदम उठाए हैं, लेकिन सर्राफा कारोबारियों की उम्मीद अधूरी ही है। सोने की ज्वेलरी पर 3 फ़ीसदी जीएसटी को घटाया जाता तथा केश में सोना खरीद की लिमिट 5 लाख करने से कारोबार में इजाफा होता।
प्रदीप गुप्ता, सर्राफा व्यवसाई
- इस बार भी बजट में रेल लाइन विस्तार के लिए बजट की बात नहीं आई। रेल लाइन विस्तार हो जाता तो जिले के व्यापार को रफ्तार मिलती तथा यहां व्यापारियों के लिए भी अच्छे कारोबार की उम्मीद बढ़ जाती। रेल लाइन विस्तार की मांग कई साल से लगातार की जा रही है। उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है।