रविंद्र सिंह भाटी का जीवन परिचय
नाम | रविंद्र सिंह भाटी |
उपनाम | जेएनवीयू किंग |
जन्म | 3 दिसंबर 1990 |
उम्र | 30 वर्ष |
जन्म स्थान | दुधोड़ा, बाड़मेर |
माता | ज्ञात नहीं |
पिता | शैतान सिंह भाटी |
प्रारंभिक शिक्षा विद्यालय | मयूर नोबल एकेडमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (बाड़मेर) |
कॉलेज | Ba.llb मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी | ज्ञात नहीं |
भाषा | हिंदी, इंग्लिश |
धर्म | हिंदू |
पेशा | छात्रसंघ अध्यक्ष |
रविंद्र सिंह भाटी कौन है?
रविंद्र सिंह भाटी का जन्म
रविंद्र सिंह भाटी का पारिवारिक संबंध
रविंद्र सिंह भाटी को प्राप्त शिक्षा
रविंद्र सिंह भाटी ने अपनी स्कूली शिक्षा को अपने ही जन्मस्थली बाड़मेर के एक विद्यालय से पूरा किया। रविंद्र सिंह भाटी ने अपने प्रारंभिक विद्यालय मयूर नोबल्स एकेडमी बाड़मेर से प्राप्त करने के बाद इन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई को जारी रखा और इन्होंने मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ba.llb की।
इन्होंने इस उच्च से स्तरीय शिक्षा को प्राप्त करने के बाद वर्ष 2015 में राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से इन्होंने अपनी एलएलबी को शुरू किया और वर्ष 2016 में राजनीति में इंटरेस्ट होने के कारण कॉलेज की राजनीति में भी शामिल हो गए, अर्थात रविंद्र सिंह भाटी ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2016 से की और मात्र 4 वर्षों में इस पोजीशन को हासिल कर लिया इनके पोजीशन की सबसे अनुभवी समय विगत 3 वर्षों को माना जाता है।
रविंद्र सिंह भाटी का व्यक्तिगत जीवन
हमें आप सभी लोगों को यह बताने में खुशी होगी, कि रविंद्र सिंह भाटी व्यक्तिगत रूप से विवाहिता हैं, जी हां सभी लोगों ने बिल्कुल सही सुना रविंद्र सिंह भाटी का विवाह हो चुका है। रविंद्र सिंह भाटी का विवाह किसके साथ हुआ है, यह तो हम नहीं जानते, परंतु इन्होंने कभी भी अपनी पत्नी का नाम किसी भी इंटरव्यू में नहीं लिया और ना ही इन्होंने किसी भी इंटरव्यू में अपने पिता या माता का नाम लिया। इन्होंने केवल उनके द्वारा किए गए योगदान को ही बताया। रविंद्र सिंह भाटी के पत्नी के विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए कृपया नोटिफिकेशन बेल को ऑन करें।
रविंद्र सिंह भाटी की शारीरिक बनावट
आज तक आप सभी लोगों ने जितने भी विधानसभा अध्यक्ष या किसी भी अध्यक्ष को देखा होगा, तो वे अक्सर मोटे ही होते हैं। आप सभी लोगों ने कई बार कुछ ऐसी यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट को भी देखा होगा, जोकि शारीरिक फिटनेस के मामले में बहुत ही ढीले ढाले होते हैं अर्थात मोटे होते हैं, परंतु रविंद्र सिंह भाटी के जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है, रविंद्र सिंह भाटी फिजिकली रूप से बहुत ही ज्यादा फिट एवं मेंटेन है।
रविंद्र सिंह भाटी फिजिकली रूप से फिट तो है ही इसके साथ साथ यह काफी ज्यादा हैंडसम भी हैं। आप सभी लोगों को सदैव रविंद्र सिंह भाटी बड़ी-बड़ी दाढ़ी एवं मूछों में देखने को मिलेंगे, रविंद्र सिंह भाटी का यह एक पैशन सा बन गया है।
रविंद्र सिंह भाटी का जेएनवीयू अध्यक्ष बनने तक का सफर
जैसा कि हमने आप सभी लोगों को ऊपर बताया, कि रविंद्र सिंह भाटी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एवं कॉलेज के शिक्षा को प्राप्त करने के बाद इन्होंने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय राजस्थान से एलएलबी की पढ़ाई शुरू कर दी और उन्होंने वर्ष 2016 में छात्र के हित के लिए राजनीति में भी अपने कदम जमाना शुरू कर दिया, उन्होंने छात्र-छात्राओं के हित के लिए बहुत से ऐसे आंदोलन भी किया, जिसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को काफी लाभ हुआ। यहीं से शुरुआत हुआ था, रविंद्र सिंह भाटी के राजनीतिक कैरियर का सफर।
रविंद्र सिंह भाटी वर्ष 2016 में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय राजस्थान पुराने अध्यक्ष रह चुके कुणाल सिंह भाटी के काफी अच्छे दोस्त भी रह चुके हैं। कुणाल सिंह भाटी भी छात्र के हितों के लिए सदैव अपना एक माननीय एवं अपूर्व योगदान देते थे, अतः रविंद्र सिंह भाटी भी इनके साथ सदैव रहते थे, अतः इन्हीं के माध्यम से रविंद्र सिंह भाटी का भी चेहरा लोगों के साथ काफी अच्छे तरीके से जुड़ चुका था। इतना ही नहीं राहुल सिंह भाटी और वर्ष 2016 में रह चुके प्रेसिडेंट कुणाल सिंह भाटी एक दूसरे के प्राथमिक शिक्षा विद्यालय से ही मित्र थे।
रविंद्र सिंह भाटी ने अपने साथ किसी भी जाति का भेदभाव नहीं किया और उन्होंने सभी धर्म एवं समाज के छात्रों को साथ लेकर चलना उचित समझा और इसी नीति के कारण यह सभी छात्रों के मध्य बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है और यह सभी छात्र-छात्राओं को काफी ज्यादा प्रभावित भी करते हैं।
रविंद्र सिंह भाटी किसी भी छात्र को उसकी जाति के आधार पर छोटा या बड़ा नहीं मानते बल्कि यह छात्र छात्राओं को छोटा या बड़ा उनके कार्यप्रणाली और उनके द्वारा किए जा रहे मेहनत पर निर्धारित करते हैं। रविंद्र सिंह भाटी के अंदर यह खूबी बहुत ही शानदार खूबी कही जाती है और इसी खूबी के कारण इन्होंने सभी छात्र के बीच अपनी एक अच्छी प्रतिमा स्थापित कर ली है।
इन सभी के बाद आखिरकार वर्ष 2019 में जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय राजस्थान में छात्रसंघ अध्यक्ष के चुनाव का समय आ गया। राजस्थान के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय मैं उम्मीदवारों के लिए छात्रसंघ अध्यक्ष पद हेतु पर्चे भरे जा रहे थे इसी परिचय में से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने भी उम्मीदवार पद के लिए पर्चा भरना चाहा, परंतु इन्हें टिकट नहीं मिला। तब इन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया और इसमें अन्य सभी उम्मीदवारों को भारी टक्कर देते हुए इन्होंने 1294 वोट पाकर जीत हासिल की और एक रिकॉर्ड ही बना डाला।
बड़े ही उदार दिलवाले रविंद्र सिंह भाटी ने अपने जीत का पूरा का पूरा श्रेय और सम्मान उन सभी छात्रों को दिया, जिन्होंने इनके साथ खड़े रहकर इन्हें यह विश्वास दिलाया, कि इन्हें अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहिए। इन्होंने इसका श्रेय उन सभी लोगों को दे दिया, जिन्होंने इनके साथ खड़े रहे और इन्हें जीत हासिल करने में सहायता प्रदान की। राजस्थान के इस विश्वविद्यालय जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, कि किसी निर्दलीय उम्मीदवार को इतने ज्यादा वोट मिले हैं।
ना केवल रविंद्र सिंह भाटी बल्कि भारत के महान राजनेता अशोक गहलोत और भारत के जनशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भी राजस्थान के इसी जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय से किया। इसी विश्वविद्यालय से इन सभी लोगों ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और अध्यक्ष पद के बाद धीरे-धीरे अनेकों पदों पर अपना पदार्पण करते चले गए। वर्तमान समय में ऐसे ही उभर कर आए हैं, राजस्थान के विश्वविद्यालय के वर्तमान अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी।
रविंद्र सिंह भाटी ने जय नारायण विश्वविद्यालय में अध्यक्ष बनने के बाद छात्रों के उच्च शिक्षा प्राप्त करने की हक की लड़ाई के लिए लगातार लड़ते रहे और वर्तमान समय में इन्होंने इस विद्यालय की जमीन को मुद्दे को लेकर सामने आए हैं और उन्होंने इस मुद्दे को लेकर बहुत ही बड़ा आंदोलन किया जिसके कारण वर्तमान समय में सोशल मीडिया एवं अन्य प्लेटफार्म पर बड़े ही ज्यादा पॉपुलर हुए हैं। रविंद्र सिंह भाटी के इस काम में उनके साथियों ने भी खूब सहयोग दिया और इसी वजह से यह मुद्दा जीत गया, आज छात्रों को उनका हक मिल गया।
रविंद्र सिंह भाटी ने किया बेरोजगारों के हल्ला बोल का नेतृत्व
13 सितम्बर 2021 को जयपुर में रविंद्र सिंह भाटी ने फिर से अपना एक आंदोलन जारी किया, जिसमें रविंद्र सिंह भाटी अपने सभी युवा छात्रों के साथ विधानसभा की ओर चढ़ाई कर रहे हैं। रविंद्र सिंह भाटी का कहना है कि पिछले कुछ समय से सभी युवा छात्रों का शोषण किया जा रहा है और जब कभी भी इनके द्वारा उनके हक के लिए आवाज उठाया जाता है तो प्रशासन के द्वारा इनके आंदोलनकारी प्रदर्शन को दबा दिया जाता है।
पूरे प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों, अलग-अलग जिले और अलग-अलग तहसील से प्रत्येक विद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्षों ने मिलकर के इस आंदोलन को शुरू किया है, जिसमें रविंद्र सिंह भाटी विशेष रूप से इस बेरोजगारी आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। रविंद्र सिंह भाटी के इस आंदोलन में लगभग प्रदेश के 5000 से भी ज्यादा युवा छात्र एकत्रित हुए हैं और अपने हक की इस लड़ाई में उन्होंने बढ़-चढ़कर रविंद्र सिंह भाटी का साथ दिया।
रविंद्र सिंह भाटी और इनके 5000 से भी अधिक युवा छात्रों की इस रैली को देखकर प्रशासन के द्वारा पुलिस सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है और इनकी इस रैली को बंद करने के लिए विशेष प्रकार के काम किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों के साथ-साथ यहां पर पीएसी बल भी तैनात कर दी गई है। युवाओं के इस आंदोलन को रोकने के लिए अनेकों प्रकार के प्रयास जारी हैं, परंतु पुलिसकर्मियों और पीएसी बल का इस रैली पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
रविंद्र सिंह भाटी और इनके साथ जुड़े सभी युवा इस रैली को करने में अपना विशेष योगदान निभा रहे हैं। रविंद्र सिंह भाटी का क्या कहना है कि “हमारी बहुत ही मांगे हैं, जिन्हें पूरा किया जाए और हम अपनी बातें सरकार तक अवश्य पहुंचाएंगे और बिना विधानसभा तक पहुंचे और सरकार को अपनी बात बताएं बिना हम इस रैली को बंद नहीं करेंगे।” इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि “जब कभी भी युवाओं के द्वारा उनके हक के लिए कोई लड़ाई लड़ी जाती है तो सदैव प्रशासन के द्वारा इनकी बातों को दबा दिया जाता है और विशेष प्रकार की कार्यवाही कर इनका शोषण किया जाता है।“
इसी कारण से रविंद्र सिंह भाटी इस आंदोलन को स्वयं में समावेशित कर लिया है और इस आंदोलन का नेतृत्व रविंद्र सिंह भाटी कर रहे हैं। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं, रविंद्र सिंह भाटी एक बहुत ही प्रेरणादाई और छात्रों के हित के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। अतः इसी कारण इन्होंने छात्रों के कहने के बाद बेरोजगारों के हल्ला बोल आंदोलन का नेतृत्व करना शुरू किया। रविंद्र सिंह भाटी ने प्रशासन का एक भी नहीं सुना और अपनी बातें सरकार तक पहुंचाने के लिए इन्होंने पुलिसकर्मियों और पीएससी बालों का सामना करते हुए आखिरकार विधानसभा तक पहुंच गए।
विधानसभा पहुंचने के बाद विधानसभा को चारों तरफ से छात्रों के द्वारा घेर लिया गया है, ऐसा इसलिए नहीं किया गया है कि कोई भागने सकें बल्कि छात्रों की संख्या इतनी ज्यादा है कि उन्हें वहां खड़ा होने के लिए जगह कम पड़ रही थी, अतः इसीलिए इन्होंने विधानसभा के चारों तरफ खड़े होकर अपने प्रदर्शन को जारी रखा। हालांकि अभी तक इनके द्वारा किए गए इस आंदोलन कोई निष्कर्ष नहीं निकाला गया है, अतः इसी कारण सभी युवा छात्रों एवं छात्र संघ अध्यक्ष होने यहां पर डटे रहने का फैसला किया है और अपने प्रदर्शन को जारी रखा है।
रविंद्र सिंह भाटी सोशल मीडिया
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निष्कर्ष
हम आप सभी लोगों से उम्मीद करते हैं, कि आप सभी लोगों को हमारे द्वारा लिखा गया यह महत्वपूर्ण लेख “रविंद्र सिंह भाटी का जीवन परिचय (Ravindra Singh Bhati Biography in Hindi)” अवश्य ही पसंद आया होगा, यदि आप सभी लोगों को रविंद्र सिंह भाटी कि यह बायोग्राफी पसंद आई होगी, तो कृपया इसे अवश्य शेयर करें। यदि आपके मन में इस लेख को लेकर किसी भी प्रकार का कोई सवाल है, तो कमेंट बॉक्स में हमें अवश्य बताएं।