भारत-नेपाल सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा एजेंसियां समय-समय पर लोगों को जागरूक करने के साथ बार्डर पर कड़ी चौकसी का दावा करती रहती हैं। मगर इस दावे को चुनौती देते हुए तस्कर इन दिनों भारत-नेपाल की खुली सीमा का लाभ उठाकर अपने मंसूबों में कामयाब हो रहे हैं।
एसएसबी 41वीं बटालियन एवं गलगलिया कस्टम के भरपूर चौकसी के दावे के बाद भी भातगांव, भकसरभिट्ठा, निम्बूगुड़ी एवं भातगांव से सटे बंगाल के डेंगूजोत बीओपी क्षेत्र होकर भारत निर्मित कपड़ा सहित अन्य जरूरी सामानों की तस्करी कर तस्कर अपनी आय बढ़ाने में जुटे हुए हैं।
नेपाल में सीमा शुल्क मूल्यांकन बढ़ जाने से विशेष रूप से भारत निर्मित कपड़े की तस्करी में काफी इजाफा हो गया है। सूत्रों के अनुसार सीमा पर सक्रिय तस्कर संगठित गिरोह बनाकर हर रोज लाखों रुपये के कपड़ा की खुलेआम तस्करी कर भारत सरकार के राजस्व का जमकर चूना लगा रहे हैं। वहीं तस्करों के हौसले के आगे सीमा पर तैनात एसएसबी व कस्टम बौनी साबित हो रही है।
चिंता का विषय यह है कि तस्कर बिना टैक्स और कस्टम के अवैध रास्तों से तस्करी कर भारतीय अर्थव्यवस्था को चौपट कर लाखों कमा रहे है। जबकि बार्डर पर केंद्र सरकार के सजग प्रहरी पूरी तरह से मुस्तैद है और यहां इनकी बगैर इजाजत के परिदा भी पर नही मार सकता है। बावजूद सीमा पर सक्रिय तस्कर रात के समय कुहासे का फायदा उठाकर इन दिनों भारत से नेपाल के लिए कपड़ा के अलावे दाल, चीनी, हार्डवेयर एवं इलेक्ट्रानिक्स सामान सहित अन्य सामानों की तस्करी कर रहे है।
नेपाल में सीमा शुल्क मूल्यांकन बढ़ने से बार्डर पर बढ़ी तस्करी
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