उत्तर प्रदेश में अब केला के तने से बनेगी चाकलेट, कपड़ा, कागज और खाद |Now chocolate, cloth, paper and manure will be made from banana stem in Uttar Pradesh
केला की खेती करने वाले किसानों
के लिए आम के आम गुठलियों के दाम वाली कहावत चरितार्थ होने वाली है। केला के फल
निकालने के बाद बेकार फेंके दिए जाने वाले पौधों के तने से कपड़ा, कागज, चाकलेट व खाद भी बनेगी। इससे किसानों की आय बढ़ाने के
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन को बल मिलेगा।
संघानी ने बताया कि गुजरात में जब कृषि
मंत्री था तब केला के तने की पहली परत से कपड़ा, दूसरी परत से कागज व तीसरी परत जो काफी मुलायम गूदे के रूप
में उससे चाकलेट बनाने का काम शुरू कराया था।
केला के तने की गन्ने की तरह
पेराई भी कराई जाती है जिससे निकलने वाले पानी से तरल खाद बनाई जाती है। यह काम
बीच में बंद हो गया था लेकिन अब गुजरात में इफको की ओर से किसानों को सहयोग एवं
प्रशिक्षण देकर शुरू कराया गया है। बाराबंकी सहित उत्तर प्रदेश में
भी केला की खेती अब बड़े पैमाने पर होती है। जिसमें बाराबंकी जिले में पद्मश्री
किसान रामसरन वर्मा करीब तीन सौ एकड़ में केला खेती करते हैं।
इसलिए पद्मश्री राम सरन से
सहयोग लेकर इफको किसानों को केला तने से बनने वाली वस्तुओं को बनाने वाले प्लांट
लगाने के लिए प्रेरित करेगी।उन्होंने बताया कि केला तने की परतों को अलग
करने वाली मशीन डेढ़ लाख रुपये की ही आती है। लेकिन अन्य संसाधनों पर तीन-चार लाख रुपये खर्च आता है। केला तने को पानी
सहित चार श्रेणियों में अलग करने के बाद उसके विपणन की भी व्यवस्था कराई जाएगी। TEXTILETIMESNEWS
For the farmers cultivating banana, the proverb about the price of mango kernels is going to be fulfilled. After removing the fruits of banana, the stems of the plants that are thrown away will also make cloth, paper, chocolate and manure.
This will strengthen the mission of Prime Minister Narendra Modi to increase the income of farmers. Sanghani told that when he was the Agriculture Minister in Gujarat, the first layer of banana stem was made of cloth, the second layer was paper and the third layer, which was in the form of very soft pulp, had started the work of making chocolate.
Banana stem is also crushed like sugarcane, from which liquid manure is made from the water released. This work was stopped in the middle but now it has been started by IFFCO in Gujarat by providing support and training to the farmers. Banana cultivation is now done on a large scale in Uttar Pradesh including Barabanki.
In which Padmashree farmer Ramsaran Verma cultivates banana in about 300 acres in Barabanki district. Therefore, with the cooperation of Padma Shri Ram Saran, IFFCO will motivate the farmers to set up plants to manufacture items made from banana stems. He told that the machine that separates the layers of banana stem comes only for one and a half lakh rupees. But three-four lakh rupees are spent on other resources. After separating the banana stem into four categories including water, arrangements will also be made for its marketing. TEXTILETIMESNEWS