Preparations for agitation again regarding GST rates /जीएसटी दरों को लेकर फिर से आंदोलन की तैयारी।


10 दिन का अल्टीमेटम टेक्सटाइल युवा ब्रिगेड रामधून

सद्बुद्धि यज्ञ, पोस्टकार्ड अभियान चलाएगा

कपड़ा उद्योग में जीएसटी के नए दरों को लेकर आक्रोश व्याप्त है। 5 प्रतिशत के जीएसटी स्लेब 1 जनवरी से 12 प्रतिशत हो जाएगा। जिससे कपड़ा उद्योग पर करोड़ों रूपयों का बोझ पड़ेगा। जीएसटी के यथावत दर रखने सूरत उद्योग संगठनों ने राज्य और केंद्र सरकार से गुहार लगाई है। वर्ष 2017 में जीएसटी का विरोध करने वाली संस्था टेक्सटाइल युवा ब्रिगेड फिर से मैदान में उतरी है। सरकार निवारण नहीं लाएंगी तो फिर से आंदोलन करने का फैसला लिया है
फिलहाल 18-12-5-5 के फॉम्र्यूला से कपड़ा उद्योग में जीएसटी वसूली जाती है। जिसमें 1 जनवरी 2022 से परिवर्तन होकर 18-12-12-12 का फॉम्र्यूला यानि यार्न तैयार करने के रो मटेरियल्स पर 18 प्रतिश जबकि इसके बाद की प्रक्रिया जैसे कि यार्न उत्पादन, ग्रे उत्पादन और इसमें से गार्मेन्ट के लिए कपड़ा तैयार करने की सभी प्रक्रिया पर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू की जाएगी। जिसके खिलाफ सूरत सहित देशभर में उद्यमी खफा है।
जीएसटी के हाल जो दर है उसे यथावत रखने की राज्य और केंद्र सरकार दोनों से सूरत से मांग की जा रही है।जीएसटी के नए दर को लेकर केवल सूरत में करीबन 4 लाख महिला सहित देश में 4 करोड़ लोग रोजगार गंवा सकते है। अभी तक कपड़ा उद्यमियों की समस्या को नजर अंदाज किए जाने से कपड़ा व्यापारियों में आक्रोश है। 
टेक्सटाइल युवा बिग्रेड टीम के अग्रणी ने बताया कि 15 तारीख तक सरकार द्वारा कोई रास्ता नहीं निकाला गया तो काला फिता बांधकर विरोध करने के साथ-साथ रामधून, रैली, सरकार सद्बुद्धि यज्ञ, पोस्टकार्ड सहित अभियान चलाए जाएंगे।


There is anger in the textile industry regarding the new rates of GST. The GST slab of 5 per cent will be 12 per cent from January 1. Due to which there will be a burden of crores of rupees on the textile industry. Surat industry organizations have appealed to the state and central government to keep the rate of GST unchanged.In the year 2017, the Textile Yuva Brigade, an organization opposing GST, has again entered the fray. If the government does not bring redress, then it has been decided to agitate again.At present, GST is collected in the textile industry by the formula 18-12-5-5. In which the formula of 18-12-12-12 changed from January 1, 2022, ie 18 percent on the raw materials for making yarn, while the subsequent process such as yarn production, gray production and out of it all the process of preparing cloth for garment GST will be applied at 12 per cent. Against which entrepreneurs across the country including Surat are angry. Both the state and central government are being demanded from Surat to keep the rate of GST as it is.Due to the new rate of GST, 4 crore people can lose employment in the country including about 4 lakh women in Surat alone. There is resentment among the textile traders due to the neglect of the problem of the textile entrepreneurs. The leader of the Textile Youth Brigade team said that if no way is found by the government by the 15th, campaigns including Ramdhun, rally, Sarkar Sadbuddhi Yagya, postcards will be conducted along with protesting by tying black tie.

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