बनारस की शान और पहचान 'बनारसी साड़ी' की चमक क्यों पड़ी फीकी|, why did the shine of 'Banarasi Sari' fade away

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       बनारस की शान और पहचान 'बनारसी साड़ी' की चमक क्यों पड़ी फीकी| 

बढ़ती महंगाई के असर से अब देश दुनिया में अपनी पहचान के लिए मशहूर बनारसी साड़ी भी अछूती नहीं है। बनारसी साड़ी की चमक फीकी पड़ गई है। चीन से सिल्क आयात पर प्रतिबंध और कोरोना लॉकडाउन  के असर से साड़ियों की कीमत 30 फीसदी बढ़ गई है। जिसकी वजह से खरीदार कम हो गए हैं। बॉलीवुड की बड़ी हीरोइनों ने अपनी शादी के मौके पर बनारसी साड़ी पहन इसकी चमक को दोगुना कर दिया है। बनारसी साड़ी देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सैकड़ों सालों से एक अलग पहचान रखती है।

हालांकि इन दिनों बनारसी साड़ी की चमक थोड़ी कम पड़ गई है। कोरोना के कारण लॉकडाउन और चीन से सिल्क आयात पर प्रतिबंध ने इसके दाम में 30 से 35 फीसदी का इजाफा कर दिया है। ऊपर से बुनकरों के अपने मेहनताने में 20 फीसदी का इजाफा करने के ऐलान ने मुश्किल और बढ़ा दी है। साड़ी कारोबारी लागत बढ़ने और सेल कम होने से परेशान हैं। मकबूल हसन, साड़ी के थोक व्यापारी कहते हैं कि मौजूदा हालात में साड़ी की कीमत बढ़ाने के अलावा उनके पास कोई उपाय नहीं है लेकिन ये बात भी मानते हैं कि इसकी वजह से सेल में गिरावट आएगी। दरअसल बनारस के साड़ी उद्योग को चीन और कर्नाटक से सिल्क मंगवाना पड़ता है।

फिलहाल चीन से सिल्क आयात पर प्रतिबंध है जिसकी वजह से कालाबाज़ारी के ज़रिए आया सिल्क महंगा पड़ता है। कर्नाटक का सिल्क बनारसी साड़ी उद्योग की मांग पूरी कर पाने में नाकाम है और चीन से सिल्क न आने की वजह से महंगा भी हो गया है। इन वजहों ने भी साड़ी महंगी कर दी है। शो रूम के मालिक मानते हैं कि सेल घटी है, लेकिन शादी व्याह के सीजन की वजह से कारोबार में थोड़ी तेजी जरूर आई है।TEXTILETIMESNEWS

        Banaras Pride and Identity 'Banarasi Saree'

Due to the effect of rising inflation, now the famous Banarasi saree for its identity in the world is also not untouched. Banarasi saree has lost its luster. Due to the ban on import of silk from China and the effect of corona lockdown, the price of sarees has increased by 30 percent. Due to which the buyers have reduced.The big heroines of Bollywood have doubled its radiance by wearing Banarasi sarees on the occasion of their wedding. Banarasi saree holds a different identity not only in the country but in the whole world for hundreds of years.

However, these days the shine of Banarasi saree has waned a bit. The lockdown due to Corona and the ban on import of silk from China has increased its price by 30 to 35 percent. The announcement of the weavers to increase their wages by 20 percent from above has added to the difficulty.Sari traders are troubled by rising costs and decreasing sales. Maqbool Hasan, wholesaler of sarees says that in the current situation they have no way but to increase the price of sarees but also agrees that this will lead to a drop in sales. Actually, the saree industry of Banaras has to get silk from China and Karnataka.

At present, there is a ban on import of silk from China, due to which silk imported through black marketing becomes expensive. The silk of Karnataka has failed to meet the demand of the Banarasi saree industry and has also become costly due to non-availability of silk from China. These reasons have also made the saree expensive. The owners of the showroom believe that the sale has come down, but due to the wedding season, there has been a slight increase in the business.TEXTILETIMESNEWS




 

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