Textile traders burn effigy of GST/कपड़ा व्यापारियों ने जीएसटी का पुतला फूंक प्रदर्शन किया,(उत्तर प्रदेश) सहारनपुर ।

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कपड़ा व्यापारियों ने जीएसटी का पुतला फूंक प्रदर्शन किया (उत्तर प्रदेश) सहारनपुर

(1) कपडे़ व फुटवियर पर जीएसटी की दरों में 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत बढोत्तरी के विरोध में सहारनपुर क्लाथ मर्केन्टाईल एसोसिएशन व उप्र उद्योग व्यापार मण्डल सहित कई संगठनों ने चौक फुव्वारा पर जीएसटी का पुतला फूंका। इसके साथ ही केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन भेजा।

(2) रविवार को क्लाथ मर्केन्टाइल एसो. के जिलाध्यक्ष रमेश अरोड़ा, व्यापार मण्डल के जिलाध्यक्ष शीतल टण्डन ने कहा कि एक तो पहले से ही कोरोना महामारी के कारण व्यापार प्रभावित है, उस पर जीएसटी बढोत्तरी से 135 करोड़ जनता पर महंगाई का बोझ पड़ेगा।

(3) उन्होंने कहा कि 7 प्रतिशत जीएसटी में वृद्धि महंगाई के साथ भ्रष्टाचार को बढावा देगी। जीएसटी कपड़े पर 5 प्रतिशत समान्तर टैक्स होने से दुकानदार को परेशानी नहीं है, मगर 5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की दरो में बढोत्तरी से एचएसएन कोड के साथ अफसरशाही बढ़ेगी। व्यापारियों ने एक सुर में मांग की कि अविलम्ब इस बढी हुई दर को वापिस लिया जाये अन्यथा पूरे देश में व्यापारी आंदोलित होगा। (Textile Times News)



Textile traders burn effigy of GST (Uttar Pradesh) Saharanpur.

(1) Several organizations including Saharanpur Cloth Mercantile Association and UP Udyog Vyapar Mandal burnt an effigy of GST at Chowk fountain in protest against the increase in GST rates from 5 percent to 12 percent on clothes and footwear. Along with this, a memorandum was sent to the Union Finance Minister Nirmala Sitharaman.
(2) On Sunday, Cloth Mercantile Assoc. Ramesh Arora, District President of Business Board, Sheetal Tandon said that business is already affected due to Corona epidemic.
(3) Due to increase in GST on it, 135 crore people will be burdened with inflation. He said that the increase in GST to 7 percent will encourage corruption along with inflation. There is no problem for the shopkeeper due to 5% parallel tax on GST clothes.
But the increase in the rates from 5 percent to 12 percent will increase the bureaucracy with HSN code. The traders demanded in one voice that this increased rate should be withdrawn immediately, otherwise the traders would be agitated all over the country.

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